आसमंती टाळ वाजतीभीमेकाठी भक्त नाचती विठूची आस लागतीपाऊले चालली पंढरीची तुका ग्याने चाल रचलीझांज वाजवित वारी चालली ग्यानबा तुकाराम चा जल्लोष करतीवाट चालती पंढरीची पोहचूनी पंढरीत नमन करती माऊलीसहोऊन पावन चंद्रभागेत लागली ओढ विठूची आम्हास
Author: Ojsi Gawande
आज उस ध्वज को सलाम जो किसी कि कफन पर बंधा हैं lसलाम मेरा उस बच्चे को जो उस कफन में सोया हैं lबलिदान नहीं यह सेवा हैं,परिवार को कहूँगी यह होना हैं l देश के लिए यह प्यार, कभी निभाया तो आप खुशनसीब हैं lजिनके कारन हम जी रहे हैं, हमें मुश्किलो से जो बचाते हैं lना जाने क्यों उनके परिवार को आधार ही नही हैं l
जीवन नैया डुबे ना, संभाले सारा खेल । सही समय सही स्थान दिखाना जाने वो, सात जनम हो या ना हो जाने नही हम, पर इस जीवन में मरते दमतक राह संभाले वो संभाले जीवन नैया, नचाना जाने वो।
कठपुतलियॉ
कठपुतलियॉ ऊपरवाले की हम, जान लो हाथों पर नचाना जाने वो, रास्तें आसान या हो मुश्किल, सदा डोर जीवन की पकड़े हमारी ।
मेरी जान मुंबई
लंबी चौडी, सीना तानी इमारते झलकती , लोग सोए सडकोंपर एैसा दृश्य दिखाती। कामयाबी, हार-जीत सारे जिंदगी के पहलु निहारे बदली मै, नजरिया अलग, शहर बदला, संग उसके चौबारे। रात-दिन श्रम है करते, कुछ करे चोरी चकारी, कुछ बैठ गए दफ्तरों में कुछ सड़कों पर करे सवारी, सपने सजाते, घर बनाते, हँसी खुशी वक्त बिताए आओ एैसी सपनों से सजी हुई सुंदर स्वच्छ मुंबई बनाए ।