आज उस ध्वज को सलाम जो किसी कि कफन पर बंधा हैं l
सलाम मेरा उस बच्चे को जो उस कफन में सोया हैं l
बलिदान नहीं यह सेवा हैं,
परिवार को कहूँगी यह होना हैं l
देश के लिए यह प्यार, कभी निभाया तो आप खुशनसीब हैं l
जिनके कारन हम जी रहे हैं, हमें मुश्किलो से जो बचाते हैं l
ना जाने क्यों उनके परिवार को आधार ही नही हैं l