आज भी तेरे पास है मेरी तमाम खामोशिया,
और तेरे साथ है मेरे यकीन की परछाई,
मेरे साथ क्या है तेरा?
कुछ जहन मे बसे लब्ज,
और तेरे होने का एहसास, साथ है आजभी…
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आज भी तेरे पास है मेरी तमाम खामोशिया,
और तेरे साथ है मेरे यकीन की परछाई,
मेरे साथ क्या है तेरा?
कुछ जहन मे बसे लब्ज,
और तेरे होने का एहसास, साथ है आजभी…