मौसम आमादा हैं बरसात के लिये
मगर आसमान सिर्फ बदरीसे घीरे हैं,
जुबान तो होती बोलनेके लिये
मगर अल्फाज तालोंसे घीरे हैं l
A place to post your valuable content.
मौसम आमादा हैं बरसात के लिये
मगर आसमान सिर्फ बदरीसे घीरे हैं,
जुबान तो होती बोलनेके लिये
मगर अल्फाज तालोंसे घीरे हैं l