दिन के उजालें मे
पिसती है यहाँ जिंदगी
खोजता है फिर आदमी
अंधेरे में सुकूँ अपना
कुदरत ने बख्श दी
जिंदादिल ए जिंदगी
आदमी गवाँ बैठा
जिंदगी से जिंदादिली
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दिन के उजालें मे
पिसती है यहाँ जिंदगी
खोजता है फिर आदमी
अंधेरे में सुकूँ अपना
कुदरत ने बख्श दी
जिंदादिल ए जिंदगी
आदमी गवाँ बैठा
जिंदगी से जिंदादिली